संयुक्त राष्ट्र भारत में

[vc_row][vc_column][vc_column_text]हमारा परिचय
भारत में संयुक्त राष्ट्र तंत्र में 26 संगठन हैं जिन्हें भारत में सेवाएं देने का सौभाग्य मिला है। रेज़िडेंट कॉर्डिनेटर (स्थानीय समन्वयक), सरकार के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के मनोनीत प्रतिनिधि हैं। उनके नेतृत्व में, संयुक्त राष्ट्र (कन्ट्री) दल, समूचे संयुक्त राष्ट्र परिवार से सहयोग और मार्गदर्शन लेते हुए संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्यों की हिमायत करता है।

हमारा काम
संयुक्त राष्ट्र भारत को रणनीतिक सहायता देता है ताकि वह गरीबी और असमानता मिटाने की अपनी आकाँक्षाएं पूरी कर सके तथा वैश्विक स्तर पर स्वीकृत सतत् विकास लक्ष्यों के अनुरूप सतत् विकास को बढ़ावा दे सके। संयुक्त राष्ट्र, विश्व में सबसे बड़े लोकतंत्र भारत को तेज़ी से बदलाव और विकास प्राथमिकताओं के प्रति महत्वाकाँक्षी संकल्पों को पूरा करने में भी समर्थन देता है।

भारत और सतत् विकास लक्ष्य
सतत् विकास लक्ष्य सहित 2030 के एजेंडा के प्रति भारत सरकार के दृढ़ संकल्प का प्रमाण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बैठकों में प्रधानमंत्री और सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के वक्तव्यों से मिलता है। भारत के राष्ट्रीय विकास लक्ष्य और समावेशी विकास के लिए “सबका साथ सबका विकास” नीतिगत पहल सतत् विकास लक्ष्यों के अनुरूप है और भारत दुनियाभर में सतत् विकास लक्ष्यों की सफलता निर्धारित करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा। स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है, ” इन लक्ष्यों से हमारे जीवन को निर्धारित करने वाले  सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय पहलुओं के बारे में हमारी विकसित होती समझ की झलक मिलती है।”

भारत में सतत् विकास लक्ष्यों के बारे में राष्ट्रीय कार्रवाई
सतत् विकास लक्ष्यों के बारे में तालमेल का काम भारत सरकार के नीति आयोग को सौंपा गया है। नीति आयोग ने सतत् विकास लक्ष्यों औऱ उनके उद्देश्यों से जुड़ी योजनाओं की पहचान शुरु की है और हर उद्देश्य  लिए अग्रणी एवं सहायक मंत्रालयों की भी पहचान कर ली है। उन्होंने समूचे सरकारी तंत्र में सतत् विकास से जुड़ा दृष्टिकोण अपनाया है औऱ इस बात पर ज़ोर दिया है कि सतत् विकास लक्ष्य सामाजिक, आर्थिक औऱ पर्यावरणीय पहलुओं में परस्पर जुड़े हुए हैं। राज्यों को सलाह दी गई है कि वे भी केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के साथ –साथ अपनी योजनाओं की भी इसी तरह पहचान करें।

इसके अलावा, साँख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय सतत् विकास लक्ष्यों के राष्ट्रीय संकेतक विकसित करने के लिए चर्चाओं की अगुवाई कर रहा है। सतत् विकास एजेंडा के मामले में भारत की प्रगति की कुंजी राज्य सरकारों के पास है औऱ उनमें से अनेक ने इन लक्ष्यों पर अमल के लिए कार्रवाई शुरु कर दी है।

सतत् विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति में राज्य सरकारों की निर्णायक भूमिका है
सतत् विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति की कुंजी राज्य सरकारों के हाथ में है क्योंकि वही जनहित को प्राथमिकता देने और यह सुनिश्चित करने में सबसे अधिक समर्थ हैं कि कोई पीछे न छूटे। सरकार के अनेक प्रमुख कार्यक्रम, जैसे, स्वच्छ भारत, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया औऱ डिजिटल इंडिया, सतत् विकास लक्ष्यों के मूल में हैं। राज्य औऱ स्थानीय सरकारें इनमें से अनेक कार्यक्रमों में मुख्य भूमिका निभाती हैं।

स्थानीय सरकारों की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण है; 17 में से 15 सतत् विकास लक्ष्यों का सीधा संबंध देश में स्थानीय सरकारों की गतिविधियों से है। राज्य सरकारें सतत् विकास लक्ष्यों पर अमल और उनकी निगरानी के लिए संकल्पना, नियोजन, बजट निर्धारण और विकास में गहरी रुचि ले रही हैं।

सतत् विकास लक्ष्यों को स्थानीय स्तर पर ढालने के लिए संयुक्त राष्ट्र का समर्थन

2015 के बाद में परामर्श प्रक्रिया को समर्थन
भारत में संयुक्त राष्ट्र ने, नई वैश्विक एजेंडा प्रक्रिया की पहचान बन चुकी व्यापक आधार वाली परामर्श प्रक्रिया की हिमायत करते हुए, अंतःसरकारी वार्ताओं, विकास एवं सतत् विकास के लिए धन की व्यवस्था पर गोष्ठियों और अदीस अबाबा में विकास वित्त अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान तथा न्यूयॉर्क में महासभा के दौरान चर्चाओं में सामाजिक संगठनों, अध्ययन संस्थानों औऱ भारतीय मीडिया की भागीदारी का समर्थन किया है।

मुद्दों के बीच पारस्परिक संबंध से सम्बद्ध रणनीतिक समर्थन
भारत में संयुक्त राष्ट्र की कंट्री टीम लक्ष्यों के बीच पारस्परिक संबंध पर ध्यान देने के लिए नीति आयोग के प्रयासों को समर्थन देती है ताकि कोई पीछे छूटने न पाए और सतत् विकास लक्ष्य हासिल करने के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराए जाने की हिमायत हो। संयुक्त राष्ट्र ने नीति आयोग औऱ उसके साझीदारों के साथ मिलकर सतत् विकास लक्ष्यों के बारे में विषय-परक् परामर्शों को समर्थन दिया है ताकि विभिन्न राज्य सरकारों, केन्द्रीय मंत्रालयों, प्रबुद्ध समाज के संगठनों और विद्वानों को अलग-अलग सतत् विकास लक्ष्यों पर चर्चा के लिए एकजुट किया जा सके।

राज्य सरकारों को समर्थन
भारत में संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास लक्ष्यों को स्थानीय स्वरूप में ढालने में राज्य सरकारों को भी समर्थन देता है ताकि राज्य स्तर पर विकास की प्रमुख चुनौतियों का समाधान हो सके।[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]