सतत विकास लक्ष्‍य 4 – गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

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समावेशी और समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना तथा सबके लिए आजीवन सीखने के अवसरों को प्रोत्‍साहन

चुनौती

आज विश्‍व के पास पहले से कहीं अधिक ज्ञान है। किन्‍तु हर व्‍यक्ति उसका लाभ नहीं उठा सकता। दुनिया भर में देशों ने सभी स्‍तरों पर शिक्षा की सुलभता बढ़ाने और स्‍कूलों में भर्ती दरों में वृद्धि करने में बहुत प्रगति की है तथा बुनियादी साक्षरता कौशल में भी जबरदस्‍त सुधार हुआ है। 15-24 वर्ष की आयु के युवा वर्ग में दुनिया भर में 1990 और 2015 के बीच साक्षरता सुधरी है। यह दर 83% से बढ़कर 91% हो गई है। प्राइमरी स्‍कूलों में शिक्षा पूरी करने वाले बच्‍चों की दरें भी 2013 तक 90% को पार कर गईं। इन तमाम सफलताओं के बावजूद अनेक कमियां बाकी हैं। गिने-चुने देशों ने ही शिक्षा के सभी स्‍तरों पर जैंडर समानता हासिल की है। इसके अलावा 5.7 करोड़ बच्‍चे अब भी स्‍कूलों से बाहर हैं और इनमें से आधे सहारा के दक्षिणी अफ्रीकी देशों में रहते हैं।

यह क्‍यों महत्‍वपूर्ण है

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सतत् विकास की बुनियाद है, इसीलिए सतत् विकास लक्ष्‍य की बुनियाद भी है। नीतिगत हस्‍तक्षेप के तौर पर शिक्षा, ताकत को कई गुणा बढ़ाने वाली शक्ति है, जो आत्‍मनिर्भरता देती है, कौशल में वृद्धि से आर्थिक वृद्धि बढ़ाती है तथा बेहतर आजीविका के लिए अवसर खोलकर लोगों के जीवन स्‍तर में सुधार करती है।

2030 के लिए सतत् विकास लक्ष्‍यों में सभी लड़के-लड़कियों की प्राइमरी और माध्‍यमिक शिक्षा पूरी कराना और हर किसी के लिए उत्‍तम एवं व्‍यावसायिक शिक्षा पाने के अवसर बराबरी के आधार पर सुलभ कराने की गारंटी देने का आह्वान किया गया है। नीतिगत उपायों से सुलभता और शिक्षा की गुणवत्‍ता सुधारने के साथ-साथ संबद्ध बाधाओं को भी हटाना होगा, जिनमें जैंडर असमानताएं, खाद्य सुरक्षा और सशस्‍त्र संघर्ष शामिल हैं।

भारत और लक्ष्‍य 4

भारत में प्राइमरी शिक्षा सर्व सुलभ कराने में उल्‍लेखनीय प्रगति हुई है। प्राइमरी और प्रारंभिक दोनों स्‍तर के स्‍कूलों में लड़कियों की भर्ती और शिक्षा पूरी करने में सुधार हुआ है। 2013-14 तक लड़के और लड़कियों के लिए प्राइमरी शिक्षा में शुद्ध भर्ती दर 88% थी, जबकि राष्‍ट्रीय स्‍तर पर युवा साक्षरता दर लड़कों के लिए 94% और लड़कियों के लिए 92% थी। नई राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति और सतत् विकास लक्ष्‍य 4, दोनों का उद्देश्‍य सबके लिए उत्‍तम शिक्षा और आजीवन सीखने की सुविधा देना है। सरकार की प्रमुख योजना सर्व शिक्षा अभियान का उद्देश्‍य सभी भारतीयों के लिए सर्व सुलभ उत्‍तम शिक्षा प्रदान करना है और इस प्रयास में पोषाहार संबंधी समर्थन उच्‍चतर शिक्षा और शिक्षक प्रशिक्षण के बारे में लक्षित योजनाओं से सहारा मिलता है।

उद्देश्‍य

  • 2030 तक सुनिश्चित करना कि सभी लड़कियां और लड़के मुफ्त, बराबर और उत्‍तम प्राइमरी और माध्‍यमिक शिक्षा पूरी कर लेंजिससे उपयुक्‍त और लक्ष्‍य 4 के लिए प्रभावकारी सीखने के परिणाम हासिल हो सकें।
  • सुनिश्चित करना कि सभी लड़कियों और लड़कों को बचपन के प्रारंभ में उत्‍तम विकास, देखभाल और प्राइमरी पूर्व शिक्षा सुलभ हो जिससे वे प्राइमरी शिक्षा के लिए तैयार हो सकें।
  • 2030 तक सुनिश्चित करना कि सभी महिलाओं और पुरुषों को किफायती और गुणवत्तापूर्णतकनीकी, व्‍यावसायिक और स्‍नातक/स्‍नातकोत्‍तर शिक्षा, विश्‍वविद्यालय सहित बराबरी के आधार पर सुलभ हो।
  • 2030 तक ऐसे युवाओं और वयस्‍कों की संख्‍या में काफी हद तक वृद्धि करना जिनके पास रोजगार, अच्‍छी नौकरीतथा उद्यमिता के लिए तकनीकी और व्‍यावसायिक कौशल सहित उपयुक्‍त कौशल हों।
  • 2030 तक शिक्षा में लड़कियों और लड़कों के बीच विषमता पूरी तरह समाप्‍त करना और विकलांग व्‍यक्तियों,मूल निवासियों और संकट की परिस्थितियों में घिरे बच्‍चों सहित लाचार लोगों के लिए शिक्षा और व्‍यावसायिक प्रशिक्षण के सभी स्‍तरों तक समान पहुंच सुनिश्‍चित करना।
  • 2030 तक सुनिश्चित करना कि सभी युवा और पुरुषों तथा महिलाओं सहित काफी बड़े अनुपात में वयस्‍क साक्षर हो जाएं और गणना करना सीख लें।
  • 2030 तक सुनिश्चित करना कि सीखने वाले सभी लोग सतत् विकास को प्रोत्‍साहित करने के लिए आवश्‍यक ज्ञान और कौशल प्राप्‍त कर लें। इसमें अन्‍य बातों के अलावा सतत विकास और टिकाऊ जीवन शैली, मानव अधिकारों, जैंडर बराबरी, शांति की संस्‍कृति और अहिंसा को प्रोत्‍साहन, वैश्विक नागरिकता,सांस्‍कृतिक विविधता की समझ और सतत विकास में संस्‍कृति के योगदान के बारे में शिक्षा प्राप्‍त करना शामिल है।
  • ऐसी शिक्षण सुविधाएं बनाना और उन्‍नत करना जो बालक, विकलांगता और जैंडर संवेदी हों तथा सबके लिए सुरक्षित, अहिंसक, समावेशी और असरदार सीखने का माहौल प्रदान कर सकें।
  • 2020 तक दुनिया भर में विकासशील देशों, खासकर सबसे कम विकसित देशों, छोटे द्वीपीय विकासशील देशों और अफ्रीकी देशों के लिए उपलब्‍ध छात्रवृत्तियों की संख्‍या में उल्‍लेखनीय विस्‍तार करना जिससे इन देशों के लोग व्‍यावसायिक प्रशिक्षण, सूचना एवं संचार टैक्‍नॉलॉजी, तकनीकी, इंजीनियरिंगऔर वैज्ञानिक कार्यक्रमों में विकसित देशों तथा अन्‍य विकासशील देशों में उच्‍च शिक्षा प्राप्‍त कर सकें।
  • 2030 तक दक्ष शिक्षकों की आपूर्ति में उल्‍लेखनीय वृद्धि करना। इसके लिए विकासशील देशों, विशेषकर सबसे कम विकसित देशों और छोटे द्वीपीय विकासशील देशों में शिक्षक प्रशिक्षण के लिए अंतरराष्‍ट्रीय सहयोग जुटाना शामिल है।

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