अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष

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भारत में उपस्थिति : 1979 से

परिचय: आईएफएडी ग्रामीण निवासियों में निवेश करता है, उन्‍हें गरीबी कम करने, खाद्य सुरक्षा बढ़ाने, पोषण स्‍तर सुधारने और सहने की क्षमता मजबूत करने के लिए सशक्‍त करता है। 1978 से आईएफएडी ने इन प्रोजैक्‍ट्स के लिए करीब 18 अरब अमरीकी डॉलर का अनुदान और कम ब्‍याज पर ऋण उपलब्‍ध कराया है जो दुनिया भर में करीब 46.20 करोड़ लोगों तक पहुंचे हैं। आईएफएडी एक अंतर्राष्‍ट्रीय वित्‍तीय संस्‍थान है और रोम स्थि‍त संयुक्‍त राष्‍ट्र की एक विशेषज्ञ एजेंसी है। रोम संयुक्‍त राष्‍ट्र का खाद्य और कृषि गढ़ है।

आईएफएडी भारत में 1979 से काम कर रहा है। भारत के लिए उसकी वर्तमान रणनीति का उद्देश्‍य खेती की टैक्‍नॉलॉजी, प्राकृतिक संसाधनों, वित्‍तीय सेवाओं और मूल्‍य श्रृंखला तक ग्रामीण गरीबों की पहुंच बढ़ाना है। एक प्रमुख सर्व उपयोगी उद्देश्‍य, गरीबी कम करने और पोषण सुरक्षा के बारे में ज्ञान और सीखी गई बातों को बांटना है। इसमें आदिवासी समुदायों, छोटी जोत वाले किसान परिवारों, भूमिहीन लोगों, महिलाओं और बेरोजगार युवाओं पर फोक्‍स है।

आईएफएडी जमीनी स्‍तर पर काम कर रहा है ताकि उसकी गतिविधियाँ ग्रामीण समाज में सबसे गरीब और सबसे कमजोर समूहों जैसे, लघु और सीमांत किसानों, महिलाओं, आदिवासी समुदायों और अनुसूचित जातियों पर केन्द्रित रहें।

स्‍थान: नई दिल्‍ली, भारत

फोकस के क्षेत्र: ग्रामीण गरीबी, खेती, महिला सशक्तिकरण, आदिवासी विकास।

नोडल मंत्रालय: आर्थिक कार्य विभाग, वित्‍त मंत्रालय

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वेबसाइट: www.ifad.org

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